हर किसी स्टूडेंट का सपना होता है कि वो एक दिन IAS बने और छात्र तैयारी भी करते हैं। आजकल के समय में देखा जाय तो बहुत से छात्र इस क्षेत्र में प्रयासरत हैं।

किसी को सफलता जल्दी मिल जाती है लेकिन किसी को सालों लग जाते हैं। UPSC की परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षा है जिसमें हर साल लाखों की संख्या में लोग प्रतिभाग करते हैं।

यूपीएससी का एग्जाम पास करना कोई आम बात नहीं है, हर साल इस परीक्षा में लाखों को बैठते हैं और इनमें से कुछ 1 हजार के आस-पास ही सफल हो पाते हैं।

इसमें मेहनत के साथ-साथ धैर्य की भी ज़रूरत होती है। आज बात करेंगे आरती डोगरा के बारे में जिहोने छोटे कद होने के बावजूद भी 56वीं रैंक लाकर एक एक इतिहास रच दिया है।

भारतीय सिविल सेवा (IAS) बनना एक सपने की तरह होता है जिसके लिए हर एक Asprint रात-दिन कड़ी मेहनत करके संजोए रखता है और इसी उम्मीद में रहता है

कि एक दिन उसे इस मुकाम को पाना है। लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए बहुत सी चीज़ें मायने रखती है जैसे :- मार्गदर्शन, सही दिशा और आत्मसमर्पण।

यही सपना लेकर आरती डोगरा ने अपना सफर शुरू किया लेकिन शारीरिक रूप से प्राकृतिक विकास न होने के कारण भी उन्होंने अपने सपने को साकर करके दिखाया और समाज को दिखा दिया

कि अगर इच्छाशक्ति दृढ़ हो तो ऐसा कोई भी काम नहीं जिसे पूरा नहीं किया जा सकता है। इनकी इस कहानी से हर किसी को प्रेरणा लेनी चाहिए

आरती डोगरा का जन्म जुलाई 1979 उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में हुआ था। इनकी उम्र अभी 44 वर्ष है और इनके पिता का नाम कर्नल राजेंद्र डोगरा और माताजी कुमकुम डोगरा हैं।

इन्होने अपनी स्कूल स्तर की पढाई देहरादून के जाने-माने स्कूल वेल्हम गर्ल्स स्कूल से की है उसके बाद बेचलर डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के से इकोनॉमिक्स विषय से की