IAS Arti Dogra Success Story: छोटे कद की लड़की ने UPSC में 56 वीं रैंक लाकर रचा इतिहास।

IAS Arti Dogra Success Story: हर किसी स्टूडेंट का सपना होता है कि वो एक दिन IAS बने और छात्र तैयारी भी करते हैं। आजकल के समय में देखा जाय तो बहुत से छात्र इस क्षेत्र में प्रयासरत हैं। किसी को सफलता जल्दी मिल जाती है लेकिन किसी को सालों लग जाते हैं। UPSC की परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षा है जिसमें हर साल लाखों की संख्या में लोग प्रतिभाग करते हैं।

IAS Arti Dogra Success Story: छोटे कद की लड़की ने UPSC में 56 वीं रैंक लाकर रचा इतिहास।
IAS Arti Dogra Success Story

यूपीएससी का एग्जाम पास करना कोई आम बात नहीं है, हर साल इस परीक्षा में लाखों को बैठते हैं और इनमें से कुछ 1 हजार के आस-पास ही सफल हो पाते हैं। इसमें मेहनत के साथ-साथ धैर्य की भी ज़रूरत होती है। आज बात करेंगे आरती डोगरा के बारे में जिहोने छोटे कद होने के बावजूद भी 56वीं रैंक लाकर एक एक इतिहास रच दिया है।

IAS Arti Dogra Success Story

भारतीय सिविल सेवा (IAS) बनना एक सपने की तरह होता है जिसके लिए हर एक Asprint रात-दिन कड़ी मेहनत करके संजोए रखता है और इसी उम्मीद में रहता है कि एक दिन उसे इस मुकाम को पाना है। लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए बहुत सी चीज़ें मायने रखती है जैसे :- मार्गदर्शन, सही दिशा और आत्मसमर्पण।

यही सपना लेकर आरती डोगरा ने अपना सफर शुरू किया लेकिन शारीरिक रूप से प्राकृतिक विकास न होने के कारण भी उन्होंने अपने सपने को साकर करके दिखाया और समाज को दिखा दिया कि अगर इच्छाशक्ति दृढ़ हो तो ऐसा कोई भी काम नहीं जिसे पूरा नहीं किया जा सकता है। इनकी इस कहानी से हर किसी को प्रेरणा लेनी चाहिए और जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं और लगातार कार्य करते रहना है। फिर आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

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आरती डोगरा कौन हैं ?

आरती डोगरा का जन्म जुलाई 1979 उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में हुआ था। इनकी उम्र अभी 44 वर्ष है और इनके पिता का नाम कर्नल राजेंद्र डोगरा और माताजी कुमकुम डोगरा हैं। बचपन से ही आरती विकलांगता का शिकार हो चुकी थी। डॉक्टर की सलाह थी की इन्हें दिव्यांग बच्चों के स्कूल में ही पढ़ाया जाए लेकिन इसके बावजूद भी माता पिता ने इन्हें सामान्य स्कूल में ही भेजा।

IAS Arti Dogra Success Story: छोटे कद की लड़की ने UPSC में 56 वीं रैंक लाकर रचा इतिहास।
IAS Arti Dogra Success Story

इन्होने अपनी स्कूल स्तर की पढाई देहरादून के जाने-माने स्कूल वेल्हम गर्ल्स स्कूल से की है उसके बाद बेचलर डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के से इकोनॉमिक्स विषय से की और फिर उसके बाद मॉस्टर्स के लिए देहरादून आ गई और यहाँ फिर इन्होने आईएएस की तैयारी शुरू कर दी थी।

आरती बताती हैं कि उनका सबसे बड़ा सहारा उनके माता-पिता रहे। उन्होंने अपनी बेटी को हर एक पल में सपोर्ट किया। साथ ही आरती बताती है कि इन्होने देहरादून की पहली आईएस अधिकारी आईएएस मनीषा पंवार से प्रेरणा ली।

आरती डोगरा ने हासिल किया नया कीर्तिमान

भले ही इनका कद छोटा क्यों न हो लेकिन आरती डोगरा की कहानी (IAS Arti Dogra Success Story) से ये सिखने को मिलता है कि किसी भी मुकाम को पाने के लिए जरूरी नहीं आप गुड लुकिंग हों या आपके पास किसी चीज़ की अभाव हो। यदि आपके अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा और जूनून हो तो आप दुनिया का कोई भी काम कर सकते हैं।

रास्ते में मुश्किलें जरूर आएँगी लेकिन डगमगाना नहीं है और अपने लक्ष को देखते हुए मुश्किलों को पार करके आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।

आरती डोगरा के सम्मान और उपलब्धियां

IAS Arti Dogra एक पहली ऐसी आईएएस महिला हैं जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर जोधपुर डिस्कॉम के निदेशक के पद पर नियुक्त हुए। इन्होने ‘बंको बिकाणो’ अभियान की शुरुआत भी की इस अभियान का मुख्य उद्देश्य था खुले में शौच न करने के प्रति जागरूकता फैलाना।

और उनका ये अभियान सफल रहा फिर इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों उपहार से नज़वाजा गया।

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