Abu Dhabi Mandir: अबू धाबी में बना पहले भव्य हिन्दू मंदिर ! ये हैं खासियत

हाल ही में मोदी जी द्वारा अयोध्या में भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई, जिसकी चर्चा देश विदेशों तक खूब हुई। 14 फ़रवरी को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा भारत से बाहर इस्लामिक देश में भी एक मंदिर का उद्धघाटन हो गया है। यह मदिर UAE की राजधानी में अबू धाबी में स्थित है।

Abu Dhabi Mandir: अबू धाबी में बना पहले भव्य हिन्दू मंदिर ! ये हैं खासियत
Abu Dhabi Mandir

BAPS (बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) द्वारा बनाया गया यह मंदिर बेहद ही भव्य है और यह मंदिर अपने वस्तुगत विशेषताओं के लिए चर्चा में बना। साथ ही इस मंदिर बनने के बाद भारत और UAE के रिश्ते और बेहतर होंगे। आइए आगे आर्टिकल में जानते हैं Abu Dhabi Mandir के बारे में पूरी जानकारी।

Abu Dhabi Mandir

अबू धाबी में बने इस भव्य मंदिर का नाम बीएपीएस स्वामी नारायण मंदिर है और यह दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के पास में बना है। इस मंदिर में किसी भी धातु का प्रयोग नहीं किया गया है संगमरमर से बने इस मंदिर की शिल्पकारी अद्भुत है।

यह मंदिर 2019 में शुरू किया गया था और आज 4 साल बाद 2004 में यह मंदिर बनकर पूरी तरह से तैयार हो चुका है। मंदिर का उद्घाटन 14 फ़रवरी 2024 को हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया है और अब आम जनता के लिए यह मंदिर 18 फ़रवरी से खुल जाएगा।

UAE में 3 अन्य हिन्दू मंदिर पहले से मौजूद हैं लेकिन अबू धाबी में यह पहला हिन्दू मंदिर है। जिसे वहां रहने वाले भारतीयों के लिए बनाया गया है।

Abu Dhabi Mandir: अबू धाबी में बना पहले भव्य हिन्दू मंदिर ! ये हैं खासियत
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BAPS क्या है ?

  • BAPS एक संस्था है जिसका पूरा नाम बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था है। इसी संस्था ने इस मंदिर का निर्माण कराया है। BAPS एक हिन्दू धर्म के ही वैष्णव सम्प्रदाय के एक उप सम्प्रदाय स्वामीनारायण सम्प्रदाय से सम्बंधित है। जिस व्यक्ति ने इस संप्रदाय की नींव डाली थी उनका नाम स्वामीनारायण था इसलिए इसका नाम स्वामीनारायण सम्प्रदाय पड़ा। देश विदेशों में इस संस्था ने करीब 1500 से अधिक मंदिरों का निर्माण किया है।

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मुश्लिम देश में हिन्दू मंदिर क्यों बनाया गया ?

  • UAE की कुल जनसँख्या लगभग 99 लाख है जिसमें भारतीय भी वहां निवास करते हैं उनकी संख्या है 33 लाख। जो की एक पूरी आबादी का बड़ा प्रतिशत है। स्थानीय भारतीय हिन्दुओं के द्वारा एक मंदिर की मांग प्रत्यक्ष रूप से की जा रही थी। उनमें से 200 से अधिक परिवार इस सम्प्रदाय से जुड़े हुए भी थे। इसलिए उनकी विषय मांग पर इस मंदिर का निर्माण किया गया।

मंदिर की विशेषताएं

  • मंदिर में 7 शिखर हैं जो नगर शैली में बने हुए हैं।
  • यह मंदिर 27 एकड़ जमीन पर बना हुआ है, जिसमें 13.5 एकड़ में मुख्य मंदिर परिसर है तथा 13.5 एकड़ में मंदिर की पार्किंग बनाई गई है। जिसमें करीब 1400 कार और 50 बसें कड़ी हो सकती है।
  • वर्ष 2019 में वहां के राष्ट्रपति शेख मुहम्मद बिन जायद अल नाह्यान द्वारा इस जमीन को मंदिर बनाने के लिए उपहार में दिया गया था।
  • मंदिर की ऊंचाई 108 फ़ीट, लम्बाई 262 फ़ीट और चौड़ाई 180 फ़ीट है।
  • मंदिर के बहरी हिस्से में राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है।
  • मंदिर के आंतरिक हिस्से में इटली से मंगाए संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।
  • यह मंदिर 700 करोड़ की लागत से बना हुआ है।
  • मंदिर में 2 केंद्रीय गुम्बद है जिसमें एक का नाम सद्भावना गुम्बद और दूसरे का नाम शांति का गुम्बद है।
  • इस मंदिर में जो 7 शिखर बने हैं वो संयुक्त अमीरात के सात अमीरात (अबू धाबी, दुबई, अजमान, शारजाह, रास अल खैमा, उम्म अल क्वैन और फुजैराह) को दर्शाता है।
  • यह मंदिर सभी धर्म के लोगों के लिए खुला है।

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