झारखंड की राजनीती में एक बड़ा बवाल खड़ा हो उठा है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगे भूमि घोटाले के आरोप में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) गिरफ्तार कर लिया गया है।

जिसके बाद खबर ये आ रही है कि अब नए सीएम के रूप में चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। और वो जल्द ही सपथ लेने वाले हैं। 

जिस कारण उन्हें यह पद नहीं सौंपा गया। ऐसे में अगर वो मुख्यमंत्री बनाए जाते तो उन्हें 6 महीने के अंदर उपचुनाव से विधान सभा सदस्य बनना होता।

ये इस सीट से 7 बार विधायक रह चुके हैं और केंद्रीय मंत्री भी हैं। इनके पास परिवहन, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इन्होने झारखण्ड राज्य के लिए आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। ये शिबू सोरेन के साथ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के कई बार विभाजन होने पर भी डेट रहे।

इन्होने पहली बार 1991 में विधायक की कुर्सी संभाली, 1991 में इन्होने निर्दलीय जीत हांसिल की लेकिन साल 2000 में इन्हें हार मिली।

इन्होने पहली बार 1991 में विधायक की कुर्सी संभाली, 1991 में इन्होने निर्दलीय जीत हांसिल की लेकिन साल 2000 में इन्हें हार मिली।