Champai Soren Kon Hai: झारखंड टाइगर बनेंगे अगले मुख्यमंत्री, जानिए कौन हैं ?

Champai Soren Kon Hai:झारखंड की राजनीती में एक बड़ा बवाल खड़ा हो उठा है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगे भूमि घोटाले के आरोप में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसके बाद खबर ये आ रही है कि अब नए सीएम के रूप में चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

Champai Soren Kon Hai: झारखंड टाइगर बनेंगे अगले मुख्यमंत्री, जानिए कौन हैं ?
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वैसे तो हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम पद सौंपे जाने की खबरें मीडिया में चल रही थी लेकिन वो अभी किसी भी विधान सभा की सदस्य नहीं है जिस कारण उन्हें यह पद नहीं सौंपा गया। ऐसे में अगर वो मुख्यमंत्री बनाए जाते तो उन्हें 6 महीने के अंदर उपचुनाव से विधान सभा सदस्य बनना होता।

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हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी के बाद 68 वर्षीय चंपई सोरेन को झारखण्ड का मुख्यमंत्री चुना गया है। ये अभी वर्तमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी से सरायकेला विधानसभा से विधायक हैं। ये इस सीट से 7 बार विधायक रह चुके हैं और केंद्रीय मंत्री भी हैं। इनके पास परिवहन, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इन्होने झारखण्ड राज्य के लिए आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। ये शिबू सोरेन के साथ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के कई बार विभाजन होने पर भी डेट रहे। इन्होने पहली बार 1991 में विधायक की कुर्सी संभाली, 1991 में इन्होने निर्दलीय जीत हांसिल की लेकिन साल 2000 में इन्हें हार मिली। लगातार मेहनत करने के बाद आखिरकार इन्हें 2005 में जीत मिली जिसके बाद से वे लगातार जीतते रहे।

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‘झारखंड टाइगर’ क्यों बोला जाता है इन्हें ?

  • बिहार से अलग होकर झारखण्ड राज्य बना है और जब अलग राज्य की मांग उठ रही थी तब इनका नाम खूब चर्चा में रहा था और ये शिबू सोरेन जो की हेमंत सोरेन के पिता थे उनके साथ इन्होने इस आंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया था। जिसके बाद से जनता ने इन्हें ‘झारखण्ड टाइगर’ की उपाधि दे दी।
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हेमंत सोरेन को क्यों गिरफ्तार किया गया ?

  • हेमंत सोरेन पर लम्बे समय से ED नज़र बने है और जमीन की हेराफेरी में इन्हें 31 जनवरी को पूछताछ की गई। इस से पहले 20 जनवरी को पूछताछ हो चुकी थी लेकिन ED के इसे अधूरा बताकर फिर से समय माँगा।
  • जिसके बाद उनपर भूमि घोटाले का आरोप लगा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वे ईडी से खुलकर कानूनी लड़ाई लड़ेंगे जिसके लिए इस्तीफा देना जरूरी है।

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